आज के इस मुकद्दस और रूहानी पैग़ाम में हम कुरान ए पाक की एक नायाब सूरह का तर्जुमा यानि Surah Rahman Tarjuma in Hindi के आसान और साफ़ लफ़्ज़ों में जानेंगे।
कुरान की हर सूरह अपनी जगह बे-मिसाल है लेकिन सूरह रहमान अल्लाह की बेहिसाब नेमतों का तज़्किरा करती है और हमें बार-बार याद दिलाती है कि हम अपने रब की कौन-कौन सी नेमतों को झुटलाएँगे।
इन आयतों का तर्जुमा समझना दिल को रूहानी सुकून देता है और इंसान को अल्लाह की रहमतों का शुक्र अदा करना सिखाता है। इसलिए हमने इसे आसान लहजे में पेश किया है, ताकि आप चंद मिनटों में कुरान ए पाक का ये नूरानी पैग़ाम समझ सकें।
Surah Rahman Tarjuma In Hindi
- वही बेहद महेरबान खुदा है
- जिसने कुरान की तालीम दी
- उसी ने इंसान को पैदा किया
- और उसको बोलना सिखाया
- सूरज और चाँद एक ख़ास हिसाब के पाबन्द हैं
- तारे और दरख़्त पेड़ सब सज्दे में हैं
- उसी ने आसमान को बलंद किया और तराज़ू क़ायम की
- ताकि तुम तौलने में कमी बेशी न करो
- इन्साफ के साथ ठीक ठीक तौलो और तौल में कमी न करो
- और ज़मीन को उसने मख्लूक़ के लिए बनाया है
- जिसमें मेवे और खजूर के दरख़्त हैं, जिनके खोशों पर गिलाफ़ चढ़े हुए हैं
- और जिसमें भूसे वाला अनाज और ख़ुशबूदार फूल होता है
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उसने इंसान को ठीकरे जैसी खनखनाती हुई मिट्टी से पैदा किया
- और जिन्नात को आग के शोले से पैदा फ़रमाया है
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- वही दोनों मशरिकों और दोनों मगरिबों का भी रब है
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उसने दो ऐसे समंदर जारी किये, जो आपस में मिलते हैं
- लेकिन उन दोनों के दरमियान एक रुकावट है कि दोनों एक दुसरे की तरफ़ बढ़ नहीं सकते
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उन दोनों से बड़े बड़े और छोटे छोटे मोती निकलते हैं
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- और उसी के कब्जे में रवां दवा वो जहाज़ हैं जो समंदर में पहाड़ों की तरह ऊंचे खड़े हैं
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- जो कुछ भी ज़मीन पर है सब फ़ना होने (मिटने) वाला है
- और सिर्फ़ आप के रब की ज़ात बाक़ी रहेगी जो बड़ी इज्ज़त व करम व करम वाली होगी
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- आसमानों ज़मीन में जो लोग भी हैं, वो सब उसी से मांगते हैं हर रोज़ उस की एक शान है
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- ऐ इंसान और जिन्नात ! अनक़रीब हम तुम्हारे हिसाबो किताब के लिए फारिग़ हो जायेंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- ऐ इंसानों और जिन्नातों की जमात ! अगर तुम आसमान और ज़मीन की हदों से निकल भाग सकते हो तो निकल भागो मगर तुम बगैर ज़बरदस्त कुव्वत के नहीं निकल सकते
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- तुम पर आग के शोले और धुवां छोड़ा जायेगा फिर तुम मुकाबला नहीं कर सकोगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- फिर जब आसमान फट पड़ेगा और तेल की तिलछट की तरह गुलाबी हो जायेगा
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- फिर उस दिन न किसी इंसान से उस के गुनाह के बारे में पुछा जायेगा न किसी जिन से
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उस दिन गुनाहगार अपने चेहरे से ही पहचान लिए जायेंगे, फिर वो पेशानी के बालों और पांव से पकड़ लिए जायेंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- यही वो जहन्नम है जिसको मुजरिम लोग झुटलाया करते थे
- वो दोज़ख़ और खौलते हुए पानी के दरमियान चक्कर लगायेंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- और जो अपने रब के सामने खड़े होने से डरता था उसके लिए दो जन्नते हैं
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- दोनों बाग़ बहुत सी टहनियों वाले ( घने ) होंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- दोनों में दो चश्मे बह रहे होंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उन बाग़ों में हर मेवे दो दो किस्मों के होंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- ( जन्नती लोग ) ऐसे बिस्तरों पर आराम से तकिया लगाये होंगे जिन के अस्तर दबीज़ रेशम के होंगे और दोनों बाग़ों के फ़ल (क़रीब ही) झुके हुए होंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उन में नीची नज़र रखने वाली हूरें होंगी, जिन को उन से पहले न किसी इंसान ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन ने
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- वो हूरें ऐसी होंगी जैसे वो याकूत और मोती हों
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- भला अहसान ( नेक अमल ) का बदला अहसान ( बेहतर अज्र ) के सिवा कुछ और भी हो सकता है
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- और उन दो बाग़ों के अलावा दो और बाग़ भी होंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- जो दोनों गहरे सब्ज़ रंग के होंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उन दोनों बाग़ों में दो उबलते हुए चश्मे भी होंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उन में मेवे, खजूर, और अनार होंगे
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उन में नेक सीरत ख़ूबसूरत औरतें भी होंगी
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- खेमों में महफूज़ गोरी रंगत वाली हूरें भी होंगी
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- उन से पहले न किसी इंसान ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन ने
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- ( जन्नती लोग ) सब्ज़ तकियों और खूबसूरत कालीनों पर टेक लगाये होंगें
- तो ऐ जिन्न व इन्स तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे
- आप के परवरदिगार, जो बड़े जलाल व अज़मत वाले हैं, उन का नाम बड़ा ही बा बरकत है
आख़िरी लफ्ज़
अब तक तो आप भी आसानी से सूरह रहमान का तर्जुमा पढ़कर जान गए होंगे कि इसमें अल्लाह की कितनी नेमतों का तज़्किरा है, जिन्हें झुटलाना मुमकिन ही नहीं। इसकी तिलावत और तर्जुमा इंसान के दिल को सुकून और रूह को नूर से भर देता है।
अल्लाह तआला हम सब को सूरह रहमान की आयतों को समझने, उन पर अमल करने और इन्हें दूसरों तक पहुँचाने की तौफ़ीक़ व रफ़ीक अता फ़रमाए।
हम सबको चाहिए कि कुरआन ए मजीद की तिलावत को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाएँ ताकि दुनिया और आख़िरत दोनों जगह कामयाबी हासिल हो सके।