आज के इस मुकद्दस पैग़ाम में कुरान ए पाक की एक बहुत ही रहमत व बरकत भरी सूरह यानी कि Surah Quraish In Hindi के साथ साथ रोमन इंग्लिश में भी जानेंगे।
अगर आप भी मजहब ए इस्लाम में नए हैं और तालिम ए कुरान हासिल नहीं है और आप सूरह कुरैश पढ़ना चाहते हैं तो आप यहां पर इस सूरह को पढ़ कर जहन्नशी कर सकते हैं।
क्योंकि हमने यहां पर इस सूरह को हिंदी और इंग्लिश के साफ़ और आसान शब्दों में बताया है जिसे आप पढ़ने और समझने के साथ साथ जेहन में भी बसा लेंगे।
Surah Quraish Verses | Surah Quraish Kalimas | Surah Quraish Letters | Surah Quraish Rukus |
04 | 17 | 73 | 01 |
Surah Quraish In Hindi
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
- लि इला फि कुरैशिन
- ईलाफिहीम रिहलतश शिताइ वस्सैफ
- फल याअ बुदू रब्-ब हाजल बैतिल
- अल लज्जी अत् अम हुम मिन जुइंव
- व आम न हुम मिन खौफ

Surah Quraish In Roman English
Bismillah Hirrahmaan Nirraheem.
- Lee ila Fee Quraisheen.
- Eilafiheem Rihalatash Shitaai Was’Saif.
- Fal Ya’Abudoo Rab’b Hazal Bait.
- Al-Lazee Ata Am-Hoom Meen Juinw.
- Wa’ Aamna Hoom Meen Khauf
Surah Quraish In Hindi Tarjuma
अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला इस लिये कि कुरैश को मेल दिलाया उन के जाड़े और गर्मी दोनों के कूंच में मेल दिलाया तो उन्हें चाहिए कि इस घर के रब की बन्दगी करे जिसने उन्हें भुख में खाना दिया और उन्हें एक बड़े डर से आमान बख्शी।
Surah Quraish Tarjuma In Roman English
Allah Ke Naam Se Shuru Jo Bahut Meharbaan Rahmat Wala. Es Liye Ki Kuraish Ko Mel Dilaya Un Ke Jaade Aur Garmi Dono Ke Kunch Me Mel Dilaya To Unhe Chahiye Ki Is Ghar Ke Rab Ki Bandagi Kare Jisne Unhein Bhukh Me Khana Diya Aur Unhein Ek Bade Dar Se Aaman Bakhshi
Surah Quraish Ki Tafseer
सूरह कुरैश मक्के में नाजिल हुई इस सूरह में 4 आयते मुबारका है इसके साथ साथ 17 कलमा भी है और एक रुकु के साथ साथ 73 अरबी लफ्ज़ के अक्षर आते हैं।
इस सूरह में के मुताबिक अल्लाह की नेअमतें बेशुमार है उनमें से एक खुली नेअमत यह है कि उसने हर साल दो सफरों की तरफ रग्बत दिलाई और इनकी मोहब्बत उनके दिलों में डाली।
जाड़े के मौसम में यमन का सफर और गर्मी के मौसम में शाम का की कुरैश तिजारत के लिए इन मौसमों में यह सफर करते थे।
और हर जगह के लोग उन्हें एहले हरम यानी हरम वाले कहते थे और उनका आदर सत्कार करते थे यह अमन के साथ व्यापार करते थे।
और मुनाफा कमाते और मक्का मुकर्रमा में ठहरने के लिए पूंजी जुटाते जहा ना खेती है।
न रोजी के और दूसरे साधन अल्लाह तआला की या नेमत जाहिर है इससे फायदा उठाते हैं।
यानी काबा शरीफ के जिसमें उनके सफरों से पहले अपने वतन में खेती ना होने के कारण मुब्तिला थे।
उन सफरों के जरिए से हरम शरीफ और एहले मक्का होने के कारण कि कोई उनका विरोध नहीं करता जबकि आसपास के इलाकों में कत्ल और लूटमार होती रहती है।
यानी काफिर लूटते हैं मुसाफिर मारे जाते हैं या यह मानी है कि उन्हें कोढ़ से अमन दिया कि उनके शहर में उन्हें कभी कोढ़ न होगी या यह मुराद है कि सैयदे आलम सल्लल्लाहो अल्लैहे वसल्लम की बरकत से उन्हें बड़े भारी खौफ से अमान अता फरमाई।
आख़िरी लफ्ज़
हमने यहां पर आपको सूरह कुरैश को हिंदी और इंग्लिश के साथ साथ तर्जुमा व तफसीर भी बताई जिसे आप आसानी से पढ़ और समझ कर याद रख लिए होंगे।
अगर कुछ डाउट या फिर किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन हो तो आप हमसे राब्ता करके पूछ सकते जी हां हम आपके हर छोटे बड़े सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
अगर आपको इस सूरह कुरैश की पैग़ाम से कुछ सीखने को मिली हो तो उस पर आप अमल करें और इससे भी बेहतर होगा कि सभी लोगों तक शेयर करके पहुंचाएं।
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