Surah Takwir In Hindi 1 -29 | सूरह अत-तकवीर हिंदी और रोमन इंग्लिश में

आज आप यहां कुरआन-ए-पाक की एक निहायत अहम और रूहानी सूरह यानी Surah Takwir In Hindi में जानेंगे। इस सूरह में क़यामत के दिन की बड़ी बड़ी निशानियाँ बयान की गई हैं।

यहां हमने इसे हिंदी और रोमन इंग्लिश दोनों में पेश किया है। ताकि आप इसे सही लफ़्ज़ों और आसान अंदाज़ में पढ़ें, और तिलावत करने का सवाब भी हासिल करें।

इसके साथ, आप सूरह तक़वीर का असल पैग़ाम भी समझ पाएंगे कि इंसान को आखिरत की याद से गाफ़िल नहीं होना चाहिए। इंशाल्लाह इसके बाद आपको कहीं और तलाश करने की ज़रूरत नहीं होगी।

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Surah Takwir In Hindi

बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम

  1. इज़श शम्सु कुव्विरत
  2. व इज़न नुजूमुन कदरत
  3. व इज़ल जिबालु सुय्यिरत
  4. व इज़ल इशारु उत्तिलत
  5. व इज़ल वुहूशु हुशिरत
  6. व इज़ल बिहारू सुज्जिरत
  7. व इज़न नुफूसु ज़ुव विजत
  8. व इज़ल मौऊदतु सुइलत
  9. बि अय्यि ज़मबिन क़ुतिलत
  10. व इज़स सुहुफु नुशिरत
  11. व इज़स समाउ कुशितत
  12. व इज़ल जहीमु सुअ इरत
  13. व इज़ल जन्नतु उज्लिफ़त
  14. अलिमत नफ्सुम मा अह्ज़रत
  15. फला उक्सिमु बिल खुन्नस
  16. अल जवारिल कुन्नस
  17. वल लैलि इज़ा अस अस
  18. वस सुबहि इज़ा तनफ़ फ़स
  19. इन्नहू लक़ौलु रसूलिन करीम
  20. ज़ी कुव्वतिन इन्दा ज़िल अरशि मकीन
  21. मुताइन सम्मा अमीन
  22. वमा साहिबुकुम बिमज्नून
  23. व लक़द रआहु बिल उफुक़िल मुबीन
  24. वमा हुवा अलल ग़ैबि बि ज़नीन
  25. वमा हुवा बिक़ौलि शैतानिर रजीम
  26. फ़ऐना तज्हबून
  27. इन हुवा इल्ला ज़िकरुल लिल आलमीन
  28. लिमन शाअ मिन्कुम अय यस्तक़ीम
  29. वमा तशा ऊना इल्ला अय यशाअल लाहू रब्बुल आलमीन

Surah Takwir In Roman English

Bismillah Hirrahmaan Nirraheem

  1. Izash shamsu kuwwirat
  2. Wa izan nujoomun kadarat
  3. Wa izal jibaalu suyyirat
  4. Wa izal ishaaru uttilat
  5. Wa izal wuhooshu hushirat
  6. Wa izal bihaaru sujjirat
  7. Wa izan nufoosu zuwwijat
  8. Wa izal maw’oodatu su’ilat
  9. Bi ayyi zambin qutilat
  10. Wa izas suhufu nushirat
  11. Wa izas samaaa’u kushitat
  12. Wa izal jaheemu su’-‘irat
  13. Wa izal jannatu uzlifat
  14. ‘Alimat nafsum maaa ahdarat
  15. Falaaa uqsimu bil khunnas
  16. Al jawaaril kunnas
  17. Wallaili izaa ‘as’as
  18. Wassubhi izaa tanaffas
  19. Innahoo laqawlu rasoolin kareem
  20. Zee quwwatin ‘inda zil ‘arshi makeen
  21. Mutaa’in samma ameen
  22. Wa maa saahibukum bimajnoon
  23. Wa laqad ra aahu bilufuqil mubeen
  24. Wa maa huwa ‘alal ghaibi bidaneen
  25. Wa maa huwa biqawli shaitaanir rajeem
  26. Fa ayna tazhaboon
  27. In huwa illaa zikrul lil’aalameen
  28. Liman shaaa’a minkum ai yastaqeem
  29. Wa maa tashaaa’oona illaaa ai yashaaa ‘al laahu Rabbul ‘Aalameen

Surah Takwir Tarjuma In Hindi

अल्लाह के नाम से शुरू जो मेहरबान रहमत वाला, जब सूरज लपेट दिया जायेगा सितारे टूट कर बिखर जायेंगे पहाड़ चला दिए जायेंगे दस माह की गाभिन ऊँटनियाँ को भी बेकार छोड़ दिया जायेगा।

और जब वहशी जानवर इकठ्ठा कर दिए जायेंगे समन्दर भड़का दिए जायेंगे एक एक क़िस्म के लोग एक जगह कर दिए जायेंगे और जब जिंदा दफ़न कर दी गयी लड़की से पुछा जायेगा।

कि उसे किस जुर्म में क़त्ल किया गया और जब आमालनामे खोल दिए जायेंगे और आसमान चीर दिया जायेगा और जब जहन्नम भड़का दी जाएगी।

और जब जन्नत क़रीब कर दी जाएगी तो उस वक़्त हर शख्स को अपना सारा किया धरा मालूम हो जायेगा अब मैं क़सम खाता हूँ उन सितारों की जो पीछे हट जाते हैं।

जो सीधे चलते और छिप जाते हैं और रात की क़सम जब वो ख़त्म होने लगे और सुबह की क़सम जब वो तुलू हो ये कुरआन यक़ीनी तौर पर एक मुअज्ज़ज़ फ़रिश्ते का लाया हुआ कलाम है।

जो क़ुव्वत वाला है जिसके पास अर्श वाले का बड़ा रुतबा है वहां उसकी बात मानी जाती है वो अमानत दार है और ऐ मक्का वालों तुम्हारे साथ रहने वाले ये साहब यानि हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु तआला अलैहि वसल्लम कोई दीवाने नहीं हैं।

और ये बिलकुल सच्ची बात है कि उन्होंने इस फ़रिश्ते को खुले हुए उफ़ुक़ पर देखा है और ये पैगम्बर गैब की बातों को ज़ाहिर करने में बुख्ल करने वाले नहीं हैं।

और न ये कुरआन किसी शैतान मरदूद का कलाम है फिर भी तुम लोग किधर जा रहे हो ? ये तो दुनिया जहान के लोगों के लिए एक नसीहत है यानि तुम में से उस शख्स के लिए जो सीधा रास्ता चलना चाहता है और तुम दुनिया जहान के परवरदिगार अल्लाह के चाहे बगैर कुछ चाह नहीं सकते।

आख़िरी लफ्ज़

सूरह तक़वीर हमें यह एहसास दिलाती है कि यह दुनिया फ़ानी है और एक दिन सब कुछ खत्म होकर इंसान अपने रब के सामने पेश होगा इसलिए हमें चाहिए कि हम कुरआन की आयतों को तवज्जो से पढ़ें, समझें और अपनी ज़िंदगी में अमल करें।

इंशा अल्लाह इस सूरह की तिलावत से न सिर्फ सवाब मिलेगा बल्कि दिल में आखिरत की याद भी ज़िंदा रहेगी। अल्लाह तआला हम सबको कुरआन से मोहब्बत और उस पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए।

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